उत्तराखंड के प्रमुख बुग्याल | Major Bugyal of Uttarakhand in Hindi

उत्तराखण्ड में बुग्यालों को पयार/पाश्चर/अल्पाइन कहा जाता है। लघु / मध्य हिमालयी क्षेत्र तथा वृहत्/महान हिमालयी क्षेत्रों में 3500 मी से 6000 मी के मध्

 

उत्तराखंड के  प्रमुख बुग्याल(Major Bugyal of Uttarakhand)

उत्तराखण्ड में बुग्यालों को पयार/पाश्चर/अल्पाइन कहा जाता है। लघु / मध्य हिमालयी क्षेत्र तथा वृहत्/महान हिमालयी क्षेत्रों में 3500 मी से 6000 मी के मध्य पर्वत श्रेणी की ढालों पर छोटे-छोटे घास के मैदान/कोमल घास की ढलानें पायी जाती हैं। जिन्हें बुग्याल/पयार कहा जाता है।

बुग्यालों को पशुचारकों का स्वर्ग कहा जाता है, क्योंकि वर्षाकाल/ग्रीष्मकाल में पशुचारक अपने पशुओं के साथ इन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं। बुग्यालों को कुल्लू में थच, कश्मीर में मर्ग (गुलमर्ग, सोनमर्ग, टनमर्ग) कहा जाता है। बुग्यालों में घासों के साथ-साथ असंख्य प्रकार के पुष्प, जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं।

बुग्याल की परिभाषा(Definition of Bugyal's)

कुमाऊँ और गढ़वाल हिमालय के हिमशिखरों की तलहटी में जहां टिम्बर रेखा समाप्त हो जाती है, वहां से मखमली घासों के मैदान प्रारंभ हो जाते हैं, उन्हीं मखमली घास के मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।
हिमरेखा व वृक्ष रेखा के बीच का क्षेत्र बुग्याल कहलाता है। बुग्यालों में पशु चराने आए पशुचारक अन्वाल, पालसी, चलघुमुंतु, गुजर या गद्दी कहलाते हैं। ये पशुचारक डौरवा नामक पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं। गर्मियों में 10,000 फीट के ऊपर के अन्पाइन चारागाहों के जाड़, मारछा, तोलछा, भोटिया, शौका, जोहारी आदि अपने पशुओं को चराने आते हैं।
अधिकार बुग्याल / अल्पाइन पाश्चर्स महाहिमालय क्षेत्र में पाए जाते हैं। गढ़वाल का स्विट्जरलैण्ड चोपता बुग्याल को कहा जाता है। उत्तराखण्ड का मिनी स्विट्जरलैण्ड भी चोपता को कहा जाता है।

बुग्यालों के प्रकार(Types of Bugyal)

  • 1. दुग / दुध बुग्याल- मोटी घास वाले
  • 2. बस गुग्याल- छोटीपशुओं की वसा बढ़ाने वाला
  • 3. धनिया बुग्याल- व्यास/ मालपा क्षेत्र में
  • 4. मोट बुग्यालमोट - बुग/फ्यूम प्रजाति के घास के मैदान
  • 5. धत्ती बुग्याल- धाती बुग वनस्पति वाले

उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में स्थित प्रमुख बुग्याल (Majors Bughyal located in districts of Uttarakhand)

चमोली के बुग्याल(Bugyal of Chamoli)

बेदिनी बुग्याल(Bedini Bugyal)

  • यह 3300 मी की ऊँचाई पर स्थित है।
  • यह उत्तराखण्ड का क्षेत्रफल में सबसे बड़ा बुग्याल है।
  • यह चमोली में रूपकुण्ड के पास स्थित है।
  • यह सुरम्य व मखमली घासों के लिए प्रसिद्ध है
  • इसे बर्नेडी हट के नाम से जाना जाता है।

फूलों की घाटी बुग्याल(Velly of Flowers Bugyal)

  • यह 3600 से 4000 मी की ऊँचाई पर स्थित है।
  • यह भ्यूंडार उपत्यका का रमणीक बुग्याल है।
  • यह ब्रदीनाथ-जोशीमठ मार्ग पर नर एवं गंधमादन पर्वतों के मध्य स्थित है।
  • यहां 500 प्रकार की प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं।
  • भूयंडार घाटी में स्थित फूलों की घाट की खोज 1931 में फ्रैंक स्माइथ द्वारा की गई।
  • वैली ऑफ फ्लावर नामक पुस्तक का प्रकाश्रूान 1947 में किया गया।
  • फूलों की घाटी को भ्यूंडार गंगा पार्क तथा स्माइथ पार्क के नाम से भी जाना जाता है।
  • अमेला या नटग्रास जिसे पॉलीगोमन कहा जाता है, का पौधा फूलों की घाटी का बर्बादी का कारण बन रहा है।
  • यह सन् 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है।

औली बुग्याल(Auli Bugyal)

  • यह जोशीमठ में स्थित है।
  • यह स्कीइंग खेल हेतु प्रसिद्ध है।
  • यह एशिया का सुन्दरतम् ढाला वाला स्कीइंग केन्द्र है।
  • साहसिक पर्यटन के लिए यह विश्व प्रसिद्ध हिमक्रिड़ा प्रदर्शन स्थल है।
  • यह नन्दादेवी, कामेट, माणा, द्रोणगिरी, नीलकण्ठ, हाथी, गौरी पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा है।

बगजी बुग्याल(Bagji Bugyal)

  • यह चमोली में पिण्डर व कैल के मध्य स्थित है।
  • यहां से हिमालय का भव्य दर्शन होता है।
  • यहां पर छोटी छोटी मखमली घास पाई जाती है जो इस बुग्याल की शोभा को बढ़ाता है।

रूपकुण्ड बुग्याल(Roopkund Bugyal)

  • यह फेणकमल पुष्पों के लिए प्रसिद्ध है।

चमोली के अन्य बुग्याल(Other Bugyal of Chamoli)

  • कल्पनाथ बुग्याल
  • गुरसों - औली के पास
  • सतोपंथ बुग्याल
  • लक्ष्मीवन बुग्याल
  • घसतोली बुग्याल
  • रताकोण बुग्याल
  • चित्रकांठा बुग्याल
  • चौफिट शिखर बुग्याल
  • कैला बुग्याल
  • नन्दनकानन बुग्याल
  • हुण्या बुग्याल
  • पातरन चौणिया वेदिनी बुग्याल के पास
  • मनपे बुग्याल - नन्दीकुण्ड से कालीमठ के ऊपर तक
  • रास खर्क - पंवाली कांठा के ऊपर
  • भेंटी बुग्याल
  • मनणी बुग्याल
  • कोराखर्क बुग्याल - नीति से आगे
  • अविनखर्क बुग्याल
  • अली बुग्याल
  • धामणसैंण बुग्याल
  • मनपायी - चमोली
  • बगची - चमोली
  • खुलारा / बुलांश बुग्याल
  • भुट्टी बुग्याल
  • खाडुखर्क बुग्याल
  • चम्बाखर्क बुग्याल
  • देवतोली बुग्याल
  • रूपकुण्ड बुग्याल
  • दूधातोली - पौड़ी+चमोली
  • पुंग पनार बुग्याल
  • भगुवावासा बुग्याल
  • केदारकांठा / केदारखर्क
  • यह मखमली घास हेतु प्रसिद्ध है।
  • शीलासमुद्र बुग्याल
  • चौफिट शिखर बुग्याल
  • मानेग - उत्तरकाशी में सरताल के पास
  • सोनगाड़ / छायागाड़
  • खादू खर्क बुग्याल
  • लाता खर्क बुग्याल
  • डांग खर्क बुग्याल
  • केंचुआ खर्क बुग्याल
  • चम्बा, देवतोली बुग्याल
  • मारखेली बुग्याल

उत्तरकाशी के बुग्याल(Bugyal of Uttarkashi)

  • बुग्यालों की भूमि उत्तरकाशी को कहा जाता है।

दयारा बुग्याल(Dayara Bugyal)

  • शीतकाल में स्कीइंग प्रशिक्षण केन्द्र हेतु प्रसिद्ध है।
  • पर्वतारोही चन्द्रप्रभा ऐतवाल द्वारा इसे पर्यटन मानचित्र पर लाया गया।
  • इसे 2015 में ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया गया।
  • दयारा बुग्याल में अंडूड़ी उत्सव या मक्खन की होली की शुरूआत चन्दन सिंह राणा द्वारा की गई थी।
  • मक्खन की होली नाम से प्रसिद्ध अदूड़ी उत्सव यहीं मनाया जाता है।

हर की दून(Har ki Doon Bugyal)

  • यह बुग्याल बंदरपूंछ पर्वत की ढलानों पर टोंस नदी का उद्गम स्थल व मखमली घास हेतु प्रसिद्ध है।

उत्तरकाशी के अन्य बुग्याल(Other Bugyal of Uttarkashi)

  • देवदामिनी - उत्तकाशी में यमुनोत्री के पास
  • तपोवन - गोमुख के पास, उत्तरकाशी
  • केदारखर्क - गोमुख के पास उत्तरकाशी
  • धारा बुग्याल
  • पाजूधार बुग्याल
  • चायशिल बुग्याल
  • बखराटॉप बुग्याल
  • वरनालाटॉप बुग्याल
  • वरनाताल बुग्याल
  • सूर्याटॉप बुग्याल
  • अवाना बुग्याल
  • दिनारा बुग्याल
  • मानेग बुग्याल हनुमान चट्टी बुग्य
  • सुरम्य बुग्याल
  • चौलधार बुग्याल
  • गिराडा बुग्याल
  • रूद्रगैरा बुग्याल
  • भोजवावासा बुग्याल
  • सिसेर बुग्याल
  • कंडारा बुग्याल
  • प्रष्ठारा बुग्याल
  • जमतारा बुग्याल
  • गुलाबी कांठा बुग्याल
  • रूपनौल सौड़ बुग्याल
  • सोनगाड़ बुग्याल
  • माणातोली बुग्याल
  • अली, ताल बुग्याल
  • चाईशिल बुग्याल

देहरादून के बुग्याल(Bugyal of Dehradun)

  • कानासर बुग्याल – देहरादून

अल्मोड़ा के बुग्याल(Bugyal of Almora)

  • संकल्प बुग्याल
  • मजखाली बुग्याल

टिहरी के बुग्याल (Bugyal of Tehri)

पंवाली कांठा (टिहरी)

  • जड़ी-बूटी की अधिकता के कारण इस क्षेत्र को जैव पार्क घोषित किया गया है।
  • मासरताल- सहस्रतालटिहरी
  • अप्सराओं कोटली
  • खतलिंग
  • पंवाली कांठा
  • मट्या बुग्याल
  • कुशकल्याण
  • पंवाली कांठा
  • क्यार्की बुग्याल
  • जाराई बुग्याल
  • खशतोली बुग्याल
  • खारसोली बुग्याल

बागेश्वर के बुग्याल (Bugyal of Bageshwar)

  • कफनी बुग्याल
  • पिण्डारी बुग्याल
  • पकुवा बुग्याल
  • डाकुरीखाल बुग्याल
  • कांडा बुग्याल
  • नोट : धाकुड़ी टॉप पर पीटर कोस्ट की समाधि स्थित है।
  • जंगुनी बुग्याल
  • पखवा बुग्याल
  • चढ़ा बुग्याल
  • धाकुड़ी टॉप बुग्याल
  • डोरबा बुग्याल बुग्याल 

रूद्रप्रयाग के बुग्याल(Bugyal of Rudraprayag)

  • बरतौली बुग्याल
  • कसनी खर्क बुग्याल
  • दुगलबिट्टा बुग्याल
  • तुंगनाथ बुग्याल
  • केदारनाथ बुग्याल
  • खाममनणी बुग्याल
  • मद्महेश्वर बुग्याल
  • कसनीखर्क बुग्याल
  • रोहिणी बुग्याल
  • चोपता बुग्याल
  • बर्मी बुग्याल

पिथौरागढ़ के बुग्याल(Bugyal of Pithoragarh)

  • नामिक बुग्याल
  • खलिया बुग्याल
  • सियालेख बुग्याल
  • लंगरपांगती बुग्याल
  • रहाली बुग्याल
  • कालामुनी टॉप बुग्याल
  • नामिक बुग्याल
  • लड़ीपांगती बुग्याल
  • मारतोली बुग्याल
  • जोहार बुग्याल
  • थल बुग्याल
  • बेटुलीधार बुग्याल
  • छिपलाकोट बुग्याल
  • धनिया बुग्याल
  • दारमा बुग्याल
  • जिम्बाबू बुग्याल
  • दरतीधार बुग्याल
  • बंगापानी बुग्याल
  • पिण्डारी बुग्याल
  • खलिया टॉप बुग्याल
  • बरम बुग्याल
  • नोट : पिथौरागढ़ को लेकघाटी या नभिडांग घाटी कहा जाता है।

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